मुसलसल बोरियत है और क्या है अकेलेपन की लत है और क्या है
मरेंगे डूब अपनी खिल्वतों में
हमारी आक़िबत है और क्या है
बहुत बेकार हैं ये चाँद तारे
बना दी सर पे छत है और क्या है
किताबों में मरे रहना हमेशा
बला की हिस्सियत है और क्या है
ख़यालों में मिली जन्नत हमें भी
ख़याली मग़फ़िरत है और क्या है
मिलीं दो चार साँसें वो भी जानम
तुम्हारी मिलकियत है और क्या है
ये जो तुमनें बुना है जाल मुश्फ़िक़
खयालों की परत है और क्या है
अनंत ढवळे मुश्फ़िक़
मुसलसल बोरियत है और क्या है अकेलेपन की लत है और क्या है
مُسَلْسَل بورِیَت ہے اَور کیا ہے اکیلےپن کی لت ہے اَور کیا ہے
मरेंगे डूब अपनी खिल्वतों में
हमारी आक़िबत है और क्या है
مرینگے ڈُوب اپنی خِلوَتوں میں ہماری عاقِبَت ہے اَور کیا ہے
बहुत बेकार हैं ये चाँद तारे
बना दी सर पे छत है और क्या है
بہت بیکار ہیں یہ چاند تارے بنا دی سر پی چھٹ ہے اَور کیا ہے
किताबों में मरे रहना हमेशा
बला की हिस्सियत है और क्या है
کتابوں میں مرے رہنا ہمیشہ بلا کی حِسِّیَت ہے اَور کیا ہے
ख़यालों में मिली जन्नत हमें भी
ख़याली मग़फ़िरत है और क्या है
خیالوں میں مِلی جَنَّت ہمیں بھی خیالی مَغْفِرَت ہے اَور کیا ہے
मिलीं दो चार साँसें वो भी जानम
तुम्हारी मिलकियत है और क्या है
مِلیِں دو چار سانسیں وو بھی جانَم تمھاری مِلْکِیَّت ہے اَور کیا ہے
ये जो तुमनें बुना है जाल मुश्फ़िक़
खयालों की परत है और क्या है
یہ تم نے جو بُنا ہے جال مُشفِق خیالوں کی پرت ہےاَور کیا ہے
अनंत ढवळे मुश्फ़िक़
اننت ڈھَوَلے مُشفق
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